क्षत्रियों की उत्पत्ति एवं ऐतिहासिक महत्व पौराणिक पुस्तकों, वेदों एवं स्मृति ग्रन्थों का अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि प्राचीनकाल मे…
।। कुलधरा।। हाँ मैं कुलधरा हूँ, वीरान सुनसान। जो कभी हरा भरा हुआ करता था।। उजड़ा वीरान हूँ अब मैं सुनसान हूँ। पर क्या मैं हमेशा …
श्री यदुकुल चंद्रभाल महाराजा श्री भौम पाल जी देव बहादुर , करौली की गद्दी पर 21 अगस्त 1927 को विराजमान हुए थे , यह श्री कृष्ण की 178 वीं पीढ़ी में…
जीण माता मंदिर औरंगजेब भी नहीं कर पाया था इस मंदिर को खंडित, मधुमक्खियों ने की थी रक्षा। औरंगजेब भी नहीं कर पाया था इस मंदिर को खंडित, मधुमक्खियों…
महाभारत काल में भारतीयों का विदेशियों से संपर्क............ (नोट - अमेरिका की खोज कभी नहीं की गयी प्राचीन भारतीयों को अमेरिका का ज्ञान प्राचीन काल…
कच्छवाहा नरूका -मत्सय नगर(अलवर)साम्राज्य। प्रताप सिंह का साम्राज्य विस्तार - भाग- द्धितीय सन् १७७३ में उसने काँकवाड़ी, अजबगढ़, बलदेवगढ़ आदि स्था…
#कछवाहों_मे_मांसाहार_और_मदिरापान_निषेध_है. #आइए_जानते_है_किस_तरह_से_कछवाहों_को_ #मांसाहार_और_मदिरापान_की_वजह_से_अपना_पैतृक_राज्य_ग्वालियर_त्यागना_…
कुम्भाणी (कुम्भांनी) कछवाह🚩🚩 राजपूत - सूर्य वंश - कछवाह - शाखा - कुम्भाणी कछवाह कुम्भाणी (कुम्भांनी) कछवाह - राजा जुणसी जी (जुणसी, जानसी, जुणसी…
खबरों की माने तो अलाउद्दीन खिलजी और उनके गुलाम मलिक काफूर के बीच के बीच शारीरिक संबंध थे. कहा जाता है कि एक युद्ध के बाद अलाउद्दीन खिलजी मानसिक रुप …
परमानंद चन्द्र ,सम्राट पुरू उर्फ़,सम्राट पोरस पुरु वंश का परिचय और गोत्र प्रवर---- चंद्रवंशी महाराजा ययाति के पुत्र पुरु के वंशज पुरु,पौर,पौरवव…
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